Uttrakhand Flood Safety Measures: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के अंतर्गत बिंदु कथा क्षेत्र में लगातार बारिश होने से और गोला नदी के कटाव को होने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, रविवार को राज्य के प्रभारी मंत्री रेखा आर्य ने यहां आकर आपदा प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात कर सभी समस्याओं को बेहद गरीबी से समझा और अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है।
भू-कटाव से जूझ रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने मंत्री के सामने यह बताया कि हर साल गोला नदी का पानी खेतों और घरों को नुकसान पहुंचता है। भू कटाव के कारण लोगों की जमीन लगातार नदी में समाते जा रही है और सुरक्षित आवास पर भी संकट हो रहा है। इस बार की बारिश के बाद हालात और भी ज्यादा गंभीर हो चुके हैं ग्रामीणों ने राज्य के मंत्री से गुहार लगाइए कि अब केवल अस्थाई नहीं बल्कि उनके लिए स्थाई समाधान किया जाए।
तात्कालिक राहत और प्रस्ताव
इस निरीक्षण के दौरान मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित क्षेत्रों में तात्कालिक राहत कार्य तुरंत शुरू कर दिए जाएं, उन्होंने बताया कि 38 लाख रुपए का रहता प्रस्ताव प्रशासन को भेजा जा चुका है। ताकि तुरंत कार्यवाही की जा सके इसके साथ ही नुकसान का सही आकलन करके रिपोर्ट तैयार करने के भी आदेश सरकार के द्वारा दिए गए हैं।
स्थायी समाधान की दिशा में कदम
रेखा आर्य ने कहा कि तात्कालिक मरम्मत से ही सभी प्रकार की समस्याएं हल नहीं हो सकती है, इसलिए सरकार ने ब्रिज, रोपवे, टनल और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को स्थाई परियोजना के तहत काम करने का निर्देश दिया है। इस परियोजना के तहत गोला नदी के किनारे बाढ़ सुरक्षा का एक दीवार या तकनीकी उपाय पर काम किए जाएंगे।
विभागीय समन्वय और Flood Safety Measures
उत्तराखंड की राज्य प्रभारी मंत्री ने साफ तौर पर स्पष्ट रूप से बताया कि स्थाई समाधान के लिए वन विभाग, सिंचाई विभाग और ब्रेड कुल संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। इस टीम को शीघ्र ही निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि बाढ़ सुरक्षा कार्य समय पर पूरे हो जाने चाहिए और हर साल होने वाले इन सभी नुकसानों को कम किया जाए।
राजनीतिक और प्रशासनिक उपस्थिति
इस निरीक्षण करने के दौरान उप जिला अधिकारी, अधिशासी अभियंता,उप-प्रभागीय वन अधिकारी, तहसीलदार, ब्लॉक प्रमुख के साथ-साथ भाजपा के कुछ स्थानीय नेता भी मौजूद थे उनकी मौजूदगी से यह संदेश मिल रहा था कि आपदा की इस घड़ी में प्रशासन और सरकार दोनों ग्रामीणों की समस्याओं को समझ रही है।