Difficulties of Gajepur village: उत्तराखंड के हल्द्वानी के गोलापुर क्षेत्र में गाजीपुर गांव के लोग आज भी बुनियादी कई प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे हैं यहां ग्रामीणों का जीवन न केवल कठिनाइयों से घिरा हुआ है बल्कि प्रशासन की उदासीनता ने हालात को और भी गंभीर कर दिया है।
लावारिस और जंगली जानवरों का आतंक
गाजीपुर गांव के लोगों की सबसे बड़ी समस्या यहां के लावारिस पशुओं और जंगली जानवरों का आतंक हो गया है गांव में सूअर, नीलगाय, हाथी और बारहसिंगा जैसी प्रजातियाँ दिन-ब-दिन फसलों को नुकसान पहुंचती है। इसके अलावा सड़कों पर घूमते लावारिस बैल और गए न केवल यातायात व्यवस्था को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि लोगों के लिए भी खतरा बन रहे हैं।
टूटी सड़कें और सिंचाई की बदहाल गूलें
गांव की सड़के जगह-जगह पर टूट चुकी है जिससे हालात और भी कठिन हो गए हैं बारिश के दिनों में हालात और भी बिगड़ जाते हैं। सिंचाई के लिए भी स्थिति बहुत खराब है जिसके चलते खेतों तक पानी भी नहीं पहुंच पाता है किसने की फैसले भी सूख रहे हैं और लोगों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ता जा रहा है।
गैस और खाद की किल्लत
उत्तराखंड में इस इलाके में गांव के लोगों को रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति में भी भारी परेशानी देखने को मिल रही है बुकिंग के बाद भी उनके घर पर डिलीवरी नहीं मिलती है और कहीं किलोमीटर दूर जाकर सिलेंडर लाना पड़ता है साथ ही यूरिया जैसे खाद की समस्याएं भी उपलब्ध न होने के कारण किसान परेशान है।
प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल
ग्रामीणों का ऐसा कहना है कि वह कहीं बार विभागों को शिकायत कर चुके हैं लेकिन समस्या वैसी ही बनी है ना तो वन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई होती है नहीं सिंचाई विभाग की ओर से कोई सुधार किया जाता है।
इस गांव को देखकर हमें पता लगता है कि ग्रामीण लोग आज भी जंगली जानवर और खराब व्यवस्था कानून कई प्रकार की समस्याओं से उलझे हुए हैं।