Ramleela Festival: उत्तराखंड के हल्द्वानी में इस वर्ष होने वाले प्राचीन रामलीला उत्सव की तैयारी तेज हो गई है। आयोजन समिति ने श्री राम भवन में एक बैठक करके सभी कार्यों की समीक्षा की और ऐसा निर्णय लिया की रामलीला का शुभारंभ 18 सितंबर को गणेश पूजन के द्वारा किया जाएगा।
समिति की बैठक में बनी कार्ययोजना
इस बैठक की अध्यक्षता नगर मजिस्ट्रेट एवं रिसीवर गोपाल सिंह चौहान के द्वारा हुई है इसमें सुरक्षा व्यवस्था,पुतलों का निर्माण, चंदा उग्रह, राम बारात की तैयारियाँ और ट्रैफिक प्रबंधन जैसे कामों को प्राथमिकता देते हुए विस्तार से चर्चा की गई है।
अलग-अलग जिम्मेदारियां के लिए इस बैठक में अलग-अलग समिति बनाई गई है, और पदाधिकारी को काम भी सोपा गया है।
सुरक्षा और ट्रैफिक पर खास ध्यान
दशहरा जैसे अफसर पर भारी भी करने की संभावनाएं रहती हैं इसको देखते हुए ट्रैफिक डायवर्ट की योजना भी तैयार की गई है। पुलिस और प्रशासन के सहयोग से भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए पार्किंग और आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्थाओं पर भी जोड़ दिया गया है समिति ने स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी भी प्रकार के लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक
बैठक में कहा गया, की हल्दानी की रामलीला केवल एक धार्मिक आयोजन ही नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर भी है। या परंपरा वीडियो से चलती आएगी और शहर की पहचान बन चुकी है रामलीला के उत्सव के माध्यम सी केवल धार्मिक शिक्षा मिलती है बल्कि एकता, सद्भाव और सामाजिक समरसता का संदेश भी मिलता है।
पुतलों और आतिशबाजी की तैयारी
दशहरा के उत्सव पर रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाएगा इसके लिए कारीगर को भी जिम्मेदारी दे दी गई है। आतिशबाजी के लिए सुरक्षा मानक का पालन करने के निर्देश को दिए गए ताकि देखने वालों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके।
जनता से सहयोग की अपील
समिति के द्वारा आम नागरिक और व्यापारियों से अपील किया गया है कि Ramleela Festival का भाव और सफल बनाने में सहयोग करें। हल्द्वानी की प्राचीन रामलीला तैयारियां से ऐसा साफ हो रहा है कि इस बार रामलीला का उत्सव अपना सिर्फ मनोरंजन बल्कि श्रद्धा अनुशासन और सामाजिक एकजुटता का उदाहरण बनेगा।