उत्तराखंड UKSSSC परीक्षा में नया खुलासा: एक केंद्र से एक ही अभ्यर्थी तक सीमित Paper Leak Case

Paper Leak Case : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा से जुड़ी खबर पेपर लीक मामला कैसे अब एक अलग दिशा में जा रहा है पुलिस के जांच में सामने आया है कि यह पेपर लिख बड़े पैमाने पर नहीं हुआ था बल्कि सिर्फ एक परीक्षा केंद्र पर एक ही स्टूडेंट के लिए क्वेश्चन बाहर आया था। या खुलासा प्रशासन की ओर से कर दिया गया है ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके और व्यापक स्तर पर अफवाहों पर रोक लगा सके।

आरोपी अभ्यर्थी और संपर्कों की भूमिका

इस जांच के दौरान पता चला कि खालिद मलिक नाम का एक स्टूडेंट के लिए क्वेश्चन पेपर का एक सेट बाहर लाया गया था। ऐसा आरोप है कि खालिद की बहन हिना को पेपर का स्क्रीनशॉट मिला और उसने इसे सहायक प्रोफेसर सुमन तक पहुंचाया है। इसके बाद सुमन ने कुछ उत्तर बताएं इस घटना के द्वारा यह पता चलता है कि मामला केवल परीक्षा देने वाले छात्र का ही नहीं बल्कि शैक्षणिक स्तर तक भी जुड़ा है। हालांकि जांच एजेंसियों का कहना है कि यह पेपर लीक सीमित लेवल पर हुआ है और इससे परीक्षा की निष्पक्षता पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।

कानूनी कार्रवाई और जांच

इस घटना पर उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा अधिनियम 2023 के तहत रायपुर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है पुलिस और एसटीएफ की टीम जांच में जुटी हुई है। संदिग्ध लोगों से पुलिस पूछताछ करती जा रही है और यह देखा जा रहा है कि यह मामले अन्य परीक्षा केंद्र से तो नहीं जुड़े हैं। प्रशासन के द्वारा ऐसा दावा किया गया है पेपर लिक संबंधित दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा ना हो।

युवाओं का भरोसा और राजनीतिक माहौल

भले ही या पेपर लिख का मामला एक सीमित दायरे में हुआ हो लेकिन इसका असर युवाओं के विश्वास पर पड़ रहा है। लगातार पेपर लीक होने की घटनाओं ने परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर प्रश्न उठा दिए हैं विपक्ष कांग्रेस ने भी इसे युवाओं के साथ विश्वास घात बताया है और इसको लेकर विरोध भी किया है।

UKSSSC का यह Paper Leak Case से हमें पता चलता है कि चाहे मामला कोई भी हो छोटा हो या बड़ा हो परीक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता युवाओं की उम्मीद पर सीधा प्रहार कर सकती है अब सरकार और आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती दोषियों को ढूंढ कर उसे सजा देना है।