सरकारी शिक्षक बनने की आस लगाए बैठे युवाओं के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है। बेरोजगार युवा अब राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में अपनी सेवाएं सहायक अध्यापकों के तौर पर दे सकेंगे। इस दिशा में शिक्षा विभाग ने अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं। विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने की। इस संबंध में बैठक के दौरान महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इतना ही छतिग्रस्त विद्यालयों की मरम्मत हेतु तेजी से आगे काम बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए।
21,00 शिक्षकों की नियुक्ति
रोजगार की राह तलाश रहे बेरोजगार के लिए सरकारी स्कूल में अध्यापक बनने का अच्छा मौका है। राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में 21,00 शिक्षकों की नियुक्ति जल्द होगी। प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए मंत्री धन सिंह रावत ने निर्देश दिए।
धन सिंह रावत ने क्या कहा?
इस मौके पर धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ बेरोज़गारों को रोजगार प्रदान करने के लिए हमेशा प्रयासरत हैं। अगर बात करें पिछले दो वर्षों में तो प्राथमिक शिक्षकों के 3000 से अधिक पद पर नियुक्ति मिली है। हालांकि कुछ अभ्यर्थी द्वारा एनआईओएस डीएलएड को शामिल किए जाने के विषय को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद से भर्ती प्रक्रिया बाधित हो गई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने शिक्षा सेवा नियमावली में शंसोधन किया है। 2017 से 2019 तक के एनआइओएस डीएलएड अभ्यर्थियों की भर्ती का रास्ता साफ किया है। इतना ही नहीं सहायक अध्यापक के पदों को भी नियमवली में जोड़ा गया है।
बैठक के दौरान शिक्षकों की नियुक्ति के साथ-साथ आपदा से क्षतिग्रस्त विद्यालयों के पुनर्निर्माण पर भी चर्चा की गई। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि ऐसे विद्यालयों के लिए जरूरी बजट का आकलन किया जाए।
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