मानव भारती स्कूल में करिअर कोच ने किया शिक्षकों से संवाद
देहरादून। ख्याति प्राप्त मनोवैज्ञानिक इंटरनेशनल करिअर कोच एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर एनके चड्ढा ने मानव भारती स्कूल के शिक्षकों की कार्यशाला में रोजमर्रा की जिम्मेदारियों से पैदा होते तनाव से कैसे दूर रहें तथा समय प्रबंधन पर संवाद किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय़ में मनोविज्ञान के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर चड्ढा ने मनोविज्ञान के विविध आयामों तथा करिअर डेवलपमेंट और मानव संसाधन प्रबंधन पर 28 पुस्तकें लिखी हैं, जो देश विदेश के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जा रही है।
शिक्षकों की कार्यशाला में उन्होंने बताया कि हमारे जीवन में तनाव के स्रोत कहां-कहां हैं। बताते हैं, सबसे ज्यादा तनाव खुद से उपजता है। इसके बाद परिवार, नौकरी या व्यवसाय, समाज से भी तनाव पैदा होता है। दफ्तर की बातों को घर से दूर रखा जाए और दफ्तर को घर की बातों से अलग रखा जाए। इसके लिए कार्य एवं समय प्रबंधन पर ध्यान दिया जाए।
प्रतिदिन के कार्यों की सूची तैयार करने की सलाह दी। यह सूची मोबाइल फोन पर नहीं, बल्कि कागज पर लिखकर ऐसी जगह रखने को कहा, जहां आपकी नजर बार-बार पड़ती है। बताया कि खुद को जांचने का यह तरीका हमेशा उपयोगी रहा है। उनका कहना था कि मानव व्यक्तित्व लोहे की तरह होता है, जिसको तपाने से ही किसी आकार में ढाला जा सकता है। किसी भी व्यक्ति की आदतों एवं व्यवहार में बदलाव की गुंजाइश जीवनभर रहती है। वर्कशाप में पॉजिटिव साइकोलॉजी पर बात करते हुए छात्र- शिक्षक के सामंजस्यपूर्ण संबंधों को कुछ उदाहरणों के साथ समझाया। बच्चों के साथ हमेशा सकारात्मक व्यवहार की सलाह दी।