Uttrakhand Smart Meter issue: उत्तराखंड के हल्द्वानी में स्मार्ट मीटर बदलने की प्रक्रिया में इन दोनों विवाद हो रहा है कई उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर कंपनी पर आरोप लगाया है कि मीटर बदलवाने वाले एजेंसी के कर्मचारी उन्हें यह कह कर डरते हैं कि यदि उन्होंने पुराना मीटर नहीं बदला तो उन पर ₹3000 से लेकर ₹5000 तक का जुर्माना लगाएगी। इस बात से मी का उपयोग करने वाले उपभोक्ता परेशान है।
निगम का आधिकारिक बयान
ऊर्जा निगम के अधिकारियों में स्पष्ट तौर पर बताया कि ऐसा कोई प्रावधान मौजूद नहीं है उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को किसी भी तरह का जुर्माना देने की जरूरत नहीं होती है और स्मार्ट मीटर बिल्कुल मुफ्त लगाया जा रहा है। निगम ने यह भी बताया कि जो भी एजेंसी है कर्मचारी उपभोक्ताओं को गुमराह करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
धीमी गति से हो रहा कार्य
जानकारी के अनुसार कुमाऊं में कुल 6.55 लाख मीटर बदले जाने का आदेश दिया गया है लेकिन अब तक केवल डेढ़ लाख मी ही बदले जा चुके हैं हल्दानी की स्थिति तो और भी धीमी है जहां 1.88 लाख मीटर में से अब तक केवल 40000 मीटर ही बदले गए हैं। उपभोक्ताओं का विरोध और जागरूकता की कमी के कारण इस कार्य में प्रगति नहीं देखी जा रही है।
उपभोक्ताओं की शंकाएँ
कई सारे स्मार्ट मीटर उपभोक्ता पुराने मीटर के खराबी या गलत रीडिंग की शिकायत तो करते हैं लेकिन उनका समाधान किए बिना सीधे नया मीटर लगाने का दबाव डाला जा रहा है इससे उपभोक्ता आशाए महसूस कर रहे हैं इसलिए लोग यह जानना चाहते हैं कि स्मार्ट मीटर से बिलिंग कितनी पारदर्शी होगी और क्या उनकी प्राइवेसी सुरक्षित रहेगी।
इससे ये तो साफ हो गया है कि स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पारदर्शी और भरोसेमंद तरीके से होनी चाहिए। ऊर्जा निगम के द्वारा स्पष्ट रूप से बता दिया गया है कि मीटर लगाने की प्रक्रिया पूरी तरह से निशुल्क है और जुर्माना जैसी कोई बात नहीं है।