Teachers Protest in Kumaon : उत्तराखंड के हल्द्वानी में इस बार शिक्षक दिवस पर कुछ अलग ही देखने को मिला है जहां एक और देश भर में लोग गुरु का सम्मान कर रहे थे वहीं दूसरी और राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े सैकड़ो शिक्षकों ने अपनी 34 सूत्रीय मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से एक विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान शिक्षकों ने एक मौन जुलूस और कैंडल मार्च निकालकर सरकार का ध्यान अपनी और आकर्षित किया।
शिक्षक के प्रोटेस्ट की मुख्य मांगें
दरअसल शिक्षकों के द्वारा इस विरोध का मुख्य कारण शिक्षकों की लंबे समय से लंबित समस्याएं बताई जा रही हैं शिक्षकों की प्रमुख मांगों में प्रमोशन की मांग स्पष्ट और पारदर्शी व्यवस्था, ट्रांसफर की नीति में सुधार, स्कूलों में स्टाफ की कमियों को दूर करना, वेतन और सुविधाओं को समय पर लागू करना जैसी कई प्रकार की गंभीर समस्याएं शामिल थी।
नेताओं और पदाधिकारियों की मौजूदगी
शिक्षकों के द्वारा किए जाने वाले इस आंदोलन में कई तरह के वरिष्ठ पद अधिकारी भी शामिल थे। कुमाऊं मंडल अध्यक्ष डॉक्टर गोकुल मार्तोलिया, वहां के जिला अध्यक्ष गिरीश जोशी, मंडल मंत्री रवि शंकर गोसाई, हल्द्वानी ब्लॉक के अध्यक्ष हरीश पाठक के साथ-साथ अन्य कई सारे प्रतिनिधियों ने भी सरकार को सतर्क होने के लिए चेताया है कि अगर मांगे पूरी नहीं की गई तो आंदोलन और भी तेज किया जाएगा।
आगे की रणनीति
इसमें शिक्षकों ने साफ तौर पर कहा कि यह प्रदर्शन केवल शुरुआती प्रदर्शन है जब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता तब तक शिक्षकों के द्वारा कुमाऊं में प्रोटेस्ट जारी रहेगा। शिक्षक दिवस जैसे अवसर पर या आंदोलन सरकार और समाज को यह संदेश देता है कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए केवल भाषण ही नहीं देना होता है बल्कि वास्तविकता में सुधार करना होता है।