हल्द्वानी: दिवाली का त्यौहार आते ही बाजार में रौनक छाने लगती है। बाजार पूजा के लिए चीनी से बने बताशे, मिठाई, खिलौने से सजने लगता है। त्योहार के मौके पर मिलावट तो मानो आम बात हो गई है। भारी डिमांड के कारण गुणवत्ता गिरती जा रही है। ताजा मामला हल्द्वानी से आया है, जहां गंदगी का अंबार लगे वाले फैक्ट्री में बताशे बनाए जा रहे हैं। इस कड़ी में प्रशासन ने कड़ा रुख अपना कर बनभूलपुरा से लेकर गांधीनगर में चार फैक्ट्रियों को सीज कर दिया है। पूछने पर पता चला कि एक फैक्ट्री का कारीगर पिछले 20 दिन से नहाया भी नहीं था। इस प्रकार की घटना सामने आने से यह जाहिर है कि किस तरीके से गुणवत्ता के साथ खेला जा रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने चारों फैक्ट्री से सैंपल लिया।
मिलावट का मामला
त्योहारों का सीजन आते ही बाजार में मिलावट जैसी घटनाएं बढ़ जाती हैं ऐसा ही मामला गुरुवार शाम सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान नगर आयुक्त रिचा सिंह एसडीएम राहुल शाह ने खाद्य सुरक्षा विभाग टीम के साथ हल्द्वानी के गांधीनगर इलाके के अब्दुल्ला बिल्डिंग के अंदर एक स्कूल के कमरे में और बनभूलपुरा की लाइन नंबर 12 में स्थित चार फैक्टरियों में छापेमारी की। यहां दिवाली के लिए बताशे बनाए जा रहे थे।
फूड लाइसेंस भी नहीं
अधिकारी फैक्ट्री के अंदर घुसे तो वे दंग रह गए। कमरों में ना तो सफाई थी, साथ ही सीलन भी आ रखी थी। कारीगरों ने ना तो हाथों में ग्लव्स और न ही टोपी पहनी हुई थी। इतना ही नहीं उनके पास फूड लाइसेंस भी नहीं था। जिस कारण चारों फैक्टर को सीज करना पड़ा। वहीं प्रशासन की ओर से केमिकल सैंपल की चेकिंग के लिए लैब भेज दिया गया है। केमिकल के डब्बे पर कोई लेवल भी नहीं था। ना ही कर्मचारियों को उसके बारे में कुछ पता था। डालने का मकसद बताशे और खिलौने में चमक आ सके।
खड़िया पाउडर का इस्तेमाल
बताशे बनाने के लिए खड़िया पाउडर का इस्तेमाल किया जा रहा था। खड़िया पाउडर से बात से बनाने के बाद चिपकने लगते हैं। लेकिन इस स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है। बनभूलपुरा से खड़िया पाउडर का एक खुला कट्टा भी जप्त किया गया है। और साथ ही गंदे पानी का इस्तेमाल किया जा रहा था।