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Uttarakhand Police का ऑपरेशन: Kumaon में Drug Trafficking पर बड़ी कार्रवाई

Authored by: Ruchi
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Published on: 20 September 2025, 5:42 pm IST
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Uttarakhand Police Kumaon Drug Trafficking: उत्तराखंड पुलिस ने कुमाऊं क्षेत्र में ड्रग ट्रैकिंग के लिए अभियान शुरू किया है। हल्द्वानी मुख्यालय से तस्करों की पूरी जानकारी पता की जा रही है जिसमें सप्लाई चैन और नेटवर्क को भी चिन्हित किया गया है पुलिस का साफ तौर से कहना है कि अब नशा कारोबार से को पूरी तरह से जड़ से खत्म करना ही पुलिस की प्राथमिकता होगी।

सप्लाई लाइन का खुलासा

पुलिस के द्वारा जांच की गई रिपोर्ट में सामने आया कि नशे की अधिकतर सप्लाई उत्तर प्रदेश राज्य से होती है। बरेली, रामपुर, बहेड़ी और पीलीभीत जैसे इलाकों में इस तरह के धंधे बड़े-बड़े सप्लायर के द्वारा किए जाते हैं। यहां से कुमाऊं के छोटे बड़े इलाकों तक नशे का जाल बहुत बुरी तरह से फैला हुआ है पुलिस ने बीते 2 साल में करीब 10 किलो का स्मैक और ₹20000 से अधिक नशे के इंजेक्शन और गोलियां बरामद की है।

कार्रवाई की कमान

उत्तराखंड के कुमाऊं रेंज की आईजी ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि नशा बेचने वाले स्मगलर्स की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द जेल भेजा जाए इसके लिए कुमाऊं रेंज के आईजी ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं। कि तस्करों की पहचान कर उन्हें जेल भेजा जाए।

इसके लिए SOG (Special Ops Group), ANTF (Anti-Narcotics Task Force) और स्थानीय पुलिस को एक साथ काम करने का निर्देश दिया गया है। पुलिस ने लगभग 20 से 25 बड़े तस्करों की पहचान भी कर ली है जिन पर जल्द से जल्द बड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सामाजिक और आर्थिक खतरा

नशा का बिजनेस सिर्फ अपराध को ही नहीं बढ़ता है बल्कि युवाओं को बर्बादी की ओर ले जाता है स्कूल और कॉलेज के छात्रों और बेरोजगार युवा आसानी से नशे की लत में आ जाते हैं। जिस कारण परिवार टूट रहे हैं और समाज में अपराध दर भी बढ़ रही है। यही कारण है कि पुलिस का यह अभियान स्थानीय जनता के लिए उम्मीद की एक नई किरण बनकर आया है।

आगे की चुनौती और उम्मीद

हालांकि तस्करों का नेटवर्क बहुत ही ज्यादा पेचीदा सा है और अक्सर वे नए रास्तों से अपने सप्लाई शुरू कर देते हैं जिस कारण उन्हें पकड़ पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। अगर फिर भी पुलिस लगातार अपना दबाव बनाए रखती है और समाज भी नशा रोकने में सहयोग करता है तो Drug Trafficking पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सकती है। इसके साथ ही नशा मुक्ति अभियान और जागरूकता कार्यक्रम जैसे अभियान चलाकर युवाओं को नशा से दूर रहने के लिए प्रेरित भी किया जा सकता है।

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Ruchi
Staff reporter at Edu News
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